Saturday, March 27, 2010

मैं और सीमा पार्क में-2

भाग-1 से आगे :

सीमा अपने घर चली गई। फिर मैंने रात को सीमा के नाम पर दो बार मुठ मारी, बहुत मजा आया...

फिर मैं उसी के बारे में सोचता सोचता सो गया ... सुबह उठा तो मुझे कमजोरी महसूस हुई जो मुठ मारने के कारण हुई थी ..

फिर मैंने अपने सवेरे के सारे काम किये और पढ़ाई करने लगा ...

मुझे आज का दिन कैसे भी करके निकलना था क्योंकि कल मुझे सीमा को अपने ही घर में चोदना था ...

आज शाम को मुझे छोड़ कर घर के बाकी सभी लोग मौसी के घर तीन दिनों के लिए जा रहे थे...

जब सब लोग चले गए तो ...मैंने सीमा को फ़ोन लगाया और बोला- जान, अभी आ जाओ... अभी मस्ती करेंगे !

बोली- धीरे बोलो ! बॉस पास ही है ... हम रात को बात करते हैं..

मैं बोला- ठीक है...

फिर रात को मैंने उसे फ़ोन किया तो पता चला सीमा के घर पर सब लोग सो गए, मैंने सोचा तब तो मस्त वाली सेक्सी बातें करुंगा।

फिर मैं बोला- जान, घर पर कोई नहीं है... तुम मेरी रात की पार्टनर बन कर आ जाओ, खूब मस्ती करेंगे ...

सीमा- जानेमन, तुम आज कल बहुत शैतान हो गए हो... कल तुम्हें बताती हूँ, पार्टनर बन कर दिखाऊँगी ... मेरी तो चूत कल से तड़प रही है जबसे तुमने इसे फाड़ा है... कई बार पानी छोड़ चुकी है।

मैं बोला- जानू, मेरा लौड़ा है ही बड़ा मस्त.. तू देखती जा कल क्या मजे आते हैं !

और भी बहुत सारी बाते हुई जो मैं आप लोगों को नहीं बताउंगा... अंत में मैंने पूछा- कल कितने बजे आओगी?

बोली- ऑफिस टाइम दस बजे !

मैं बोला- यार, घर पर यह बोल कर आना कि सहेली के घर जाना है ...आठ- साढ़े आठ तक आ जाओ ना ! मैं लेने आ जाउंगा...

सीमा- ठीक है आ जाउंगी ... बाय !

रात भर मैं सीमा के बड़े बड़े स्तनों और उसकी गांड के बारे में सोचता रहा, सोचते सोचते नींद आ गई...

सुबह हुई, मैं जल्दी से तैयार हो गया और सीमा को फ़ोन लगाया, उसने फ़ोन नहीं उठाया।

मैंने सोचा कि शायद कोई आस पास होगा...

फिर 15 मिनट बाद फ़ोन आया- 5 मिनट में निकल रही हूँ ! आ जाओ...

फिर मैं उसे लेने चला गया ...

हम दोनों घर आ गये घर को मैंने लॉक किया और सीमा को उठा कर बेडरूम में ले गया !

वहाँ उसे लेटा कर एक मस्त सा जोरदार चुम्बन लिया..

वो बहुत टाइट जींस और टॉप पहन कर आई थी.. बहुत सेक्सी लग रही थी...

मैंने जल्दी से उसके स्तनों को उसके टॉप और ब्रा से आजाद कर दिया..

फिर उन्हें मुँह में लेकर चूसने लगा...

उसे बड़ा मजा आ रहा था, बोली- करते रहो जान ...

मैं बोला- ये ले मेरी जानेमन, तुझे अभी बहुत मजे करवाने हैं !

करीब दस मिनट इस तरह करने पर मैंने उसकी जींस खोल दी, मैंने देखा कि उसकी पैंटी गीली थी...मैं समझ गया कि सीमा झड़ चुकी है...

फिर मैं उसकी गीली पैंटी से ही उसकी चूत के छेद में हाथ डालने लगा।

वो बोली- यार, बड़ा मजा आ रहा है...अह आः ओह्ह्ह ऐसी आवाजें आने लगी..

मैं बीच-बीच में उसे चूमने लगा ..

थोड़ी देर बाद वो उठी और उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया।

वो मेरा सीना चाटने लगी...

बहुत मजा आ रहा था...

फिर उसने मेरा पूरे आकार में खड़ा हुआ लंड हाथ में लिया और बोली- जान यह तो बड़ा मस्त लग रहा है ! बड़ा मजा आने वाला है !

फिर उसने मेरा लंड अपने हाथ में लेकर उसे मुँह में लिया, फिर वो मुँह में लेकर उसे ऊपर नीचे करने लगी।

थोड़ी देर बाद बोली- यार तेरा कितना बड़ा है ! मेरे मुँह में ही नहीं आ रहा है..

मैं बोला- जान, अभी तेरी चूत को इस बड़े लंड से ही मजे आने वाले हैं...

वो फिर से लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी...

बहुत मजा आ रहा था.. मैं उसके स्तन दबा देता, उसकी चूत में ऊँगली भी डाल रहा था...

15 मिनट बाद सीमा बोली- तेरा लंड है या कुछ और? मैं कितनी देर से तेरे पानी का इंतजार कर रही हूँ लेकिन ये है कि निकलता ही नहीं..

मैं बोला- यह मर्द का लंड है ! इतनी जल्दी हार नहीं मानेगा..

करीब दस मिनट बाद मैं झड़ गया और उसने मेरा पानी चाट लिया।

मैं बोला- अब खुश ...?

बोली- हाँ ..

फिर मैं बोला- अब तेरी चूत की बारी है...

वो बोली- कब से मैं इसका इंतजार कर रही हूँ ! चलो शुरू हो जाओ...

फिर मैंने उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में डाल दिया, वो चिल्लाई- आई माँ ! मर गई ऽऽऽ

मैं बोला- क्या हुआ ?

बोली- इतनी तेज़ नहीं घुसाना चाहिए था ! तेरा है भी कितना मोटा और बड़ा...

फिर मैंने बहुत तेज़ गति में उसे चोदना शुरू कर दिया ...

वो बोली- बहुत अच्छा लग रहा है !

फिर मैं अपनी गति में उसे चोदने लगा...उसके स्तन भी एक साथ दबाने लगा..

थोड़ी देर बाद वो झड़ गई, बोली- तुम चालू रखो ...

करीब बीस मिनट बाद मैं भी झड़ गया।

आगे की कहानी बाद सुनाउंगा..

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